
रणवीर सिंह एक ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने अपनी एक्टिंग से खुद को इंडियन सिनेमा के सबसे बेहतरीन कलाकारों में शुमार कर लिया है। हर फिल्म के साथ वो खुद को नए अंदाज़ में पेश करते हैं। 12 साल पहले रिलीज़ हुई रोमांटिक ड्रामा लुटेरा में उनका वरुण वाला किरदार आज भी लोगों को याद है। आमतौर पर रंगीन और जोशीले किरदार निभाने वाले रणवीर ने इस फिल्म में खुद को बेहद शांत, संयमित और तकलीफ में डूबे किरदार में ढाला था। उनका ये परफॉर्मेंस इतना असरदार था कि बिना ज़्यादा बोले भी वो दर्शकों के दिल तक पहुंच गए।
लुटेरा में रणवीर सिंह का एक अलग ही रूप देखने को मिला, ऐसा जो अब तक लोगों ने कभी नहीं देखा था। ना कोई शोर, ना जोश-खरोश, बस एक खामोश-सा चेहरा और अंदर छिपा दर्द। रणवीर ने वरुण नाम के एक उलझे हुए चोर का किरदार ऐसे निभाया, जैसे वो वही हो। 1950 के बंगाल की उदासी और उस दौर की नज़ाकत को उन्होंने अपने अभिनय से बखूबी जिया।
रणवीर सिंह उस वक्त तक अपनी जोशीली और एनर्जेटिक एक्टिंग के लिए जाने जाते थे। लेकिन लुटेरा में उन्होंने जो शांत, भीतर से टूटा हुआ किरदार निभाया, वो वाकई दिल छू जाने वाला था। बिना ज़्यादा डायलॉग बोले, सिर्फ अपने एक्सप्रेशंस और खामोशी से उन्होंने दर्द, पछतावा और प्यार को बहुत ही खूबसूरती से दिखाया। विक्रमादित्य मोटवाने के साथ ये उनकी पहली फिल्म थी, और शायद सबसे गहरी भी। इस रोल के जरिए रणवीर ने ये साबित कर दिया कि वो सिर्फ शोहरत और एनर्जी के लिए नहीं, बल्कि अपनी सेंसिटिव परफॉर्मेंस के लिए भी याद किए जा सकते हैं। लुटेरा का इमोशनल क्लाइमेक्स आज भी बहुत से लोगों के दिल में बसा हुआ है। यही फिल्म उनके करियर का एक ऐसा मोड़ बनी, जहां से लोगों ने उन्हें एक गंभीर कलाकार की नजर से देखना शुरू किया।
आज लुटेरा में रणवीर सिंह के वरुण बनने के 12 साल पूरे हो गए हैं। ये एक ऐसा किरदार था जो आज भी हमारे दिलों में बसा है। उस सधी हुई परफॉर्मेंस को याद करते हुए अब नज़रें टिकी हैं उनके अगले बड़े रोल धुरंधर पर, जिसे आदित्य धर डायरेक्ट कर रहे हैं। रणवीर का नया लुक पहले ही जबरदस्त चर्चा में है और फैंस इस फिल्म का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।
12 सालों बाद भी यादगार: जब रणवीर सिंह ने लुटेरा में खामोशी से कर दिखाया था कमाल