
मुंबई (अमिताभ रंजन) | ये सच है कि जहां चाह होती है वहां राह मिल ही जाती है।
गोड्डा (देवघर) से 1जनवरी 2012 बिना किसी पता-ठिकाना और बिना किसी मंजिल के एक अजनबी शहर मुंबई में एक लड़का आता नहीं इत्तेफाक से लाया जाता है। जिसे ये नहीं पता था कि मुंबई में किस स्टेशन पर उतरना है। जी हां ये वाक्या, ये कहानी है बॉलीवुड के मशहूर जे एस (JS Studio) के मालिक जयकृष्णा मंडल जिन्हें फिल्म इंडस्ट्री लोग जैकी जी के नाम से जानते हैं। बात कुछ ऐसी हुई कि मुंबई की टीम देवघर में खोरठा भाषा कीफिल्म शूटिंग के लिए गई थी। और वहां फिल्म प्रोडक्शन वाले को प्रोडक्शन में फिल्म डॉकोरेशन, खाने पीने और प्रोडक्शन का सामन कम पड़ गया। जैकी जी से फिल्म प्रोडक्शन टीम ने रिक्वेस्ट किया कि आप कहीं से दिलवा दें। मै आपको मुंबई जाते ही पूरा पैसा भेज दूंगा। जैकी जी ने लगभग दो लाख रुपए का समान फिल्म प्रोडक्शन टीम को अपने नाम से दिलवा दी। लेकिन जब फिल्म प्रोडक्शन टीम मुंबई पहुंची तो जैकी जी का न पैसा लौटाया और न ही उनका कॉल रिसीव करना जरूरी समझा। फिर पूरा पैसा लगभग दो लाख रुपया उनको अपनी जेब से चुकाना पड़ा। जो उनके लिए बहुत बड़ी रकम थीं पर दिल में ये मलाल था कि जिसका मैने साथ दिया वो बेइमान निकले ये कसक की अपना पैसा लेके रहूंगा। और फिर उन लोगों की तलाश के लिए मुंबई रवाना हो गए। जो शूटिंग और फिल्म वाले बड़ी बड़ी बात करते थे उनका मुंबई में खुद रहने का ठिकाना तक नहीं था। जैकी जी के दिल के किसी कोने में सिंगर बनने का सपना भी था। अपने स्कूल कॉलेज के कार्यक्रम में गया भी करते थे। एक उम्मीद थी कि मुंबई में भाग्य आजमाया जाए। जैसे तैसे मुंबई तो पहुंच गए। सबसे बड़ी समस्या थी कि रहेंगे कहां और खाएंगे क्या? किसी मित्र के द्वारा उन्हें एक पोस्ट प्रोडक्शन स्टूडियो में ऑफिस बॉय का काम मिला। एक मित्र ने जैकी जी के टेक्निकल माइंड को परखा और उनको सलाह दिया। फिल्म के टेक्निकल क्रिएटिव पार्ट को बेहतर बनाने में अपने आप को मजबूत करें। वैसे भी जैकी जी “थ्री इडियट्स” फिल्म के अमीर खान की तरह मशीनों से प्यार रहा है। वो किसी भी मशीन को खोलखाल कर ठीक करने की कोशिश करते रहते हैं। और सफल भी होते हैं। एक दिन स्टूडियो की एक मशीन खराब हो गई जो इंजीनियर नहीं समझ पा रहे थे। जैकी जी ने उसे सही कर दिया। जब स्टूडियो के ऑनर ने जैकी के टैलेंट को देखा तो उनको रहना, खाना और 4000 रुपया महीना सैलरी ऑफर कर दिया। और फिर ऐसे सफर शुरू हुआ फिल्म एडिटिंग, साउंड रिकॉर्डिंग, डी आई की बारीकी को समझने और सीखने का। धीरे धीरे फिल्म के पोस्ट प्रोडक्शन का संपूर्ण ज्ञान हासिल करने के लिए दिन रात पूरी लगन से लग गए। शुरुआत छोटी थी ऑफिस बॉय से.. लेकिन अपने अच्छे स्वभाव काम के प्रति लगन से स्टूडियो के ऑनर का दिल जीत लिया। फिर अपने लगन और मेहनत के दम पे एडिटिंग, di, साउंड रिकॉर्डिंग सीखते चले गए। 15 दिन में एडिटिंग सिख लिया। सब सही चल रहा था कि अचानक एक दिन स्टूडियो के ऑनर ने कहा कि स्टूडियो बंद करना पड़ेगा। वो नुकसान में है। फिर जैकी जी ने हिम्मत की उस वक्त जेब में एक रुपया नहीं था। पर कुछ लोगों के सपोर्ट से वो स्टूडियो को चलाने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली। ऐसे भी हालात आए कि 24 घंटे में एक टाइम खाना मिलता था। पैसे की कमी के कारण मॉल में डेकोरेशन और लाइटिंग का काम भी किया। लेकिन उनके अंदर आत्मविश्वास कमाल का था।आज जैकी जी का मुंबई में जे एस स्टूडियो के नाम से खुद का फिल्म पोस्ट प्रोडक्शन स्टूडियो है। जहां बॉलीवुड और रीजनल फिल्म के पोस्ट का काम होता है। खुद तो बने ही और भी लोगों को रोजगार देते चले गए। उनके स्टूडियो में बॉलीवुड के बड़े बड़े फिल्म स्टारों की फिल्मों का पोस्ट पोस्ट प्रोडक्शन हुआ है। जैकी जी ने बॉलीवुड के टॉप सिंगर के गाने एडिट किए हैं।उदित नारायण, कुमार सानू, अलका याग्निक, सोनू निगम, कैलाश खेर , अरिजीत सिंह,विनोद राठौर, जावेद अली, निरहुआ, पवन सिंह, खेसारी, रितेश पांडे, इन सभी के गाने और फिल्म को एडिट कर चुके हैं। आज तक जितनी फिल्म किए सभी रिलीज और सफल हुई। और अपने कार्य कुशलता से जैकी जी सभी सुपरस्टार और फिल्म प्रोडक्शन कंपनी के चहेते बनते चले गए। भोजपुरी के दमदार विलेन संजय पांडे की पहली फिल्म भी जैकी जी ने एडिट किया। अभी उनका मुंबई में खुद का स्टूडियो है। एडिटिंग के साथ साथ। Js स्टूडियो..
सलमान खान की फिल्म में आर्ट डायरेक्शन में काम किया। जो प्रीति जिंटा प्रोडक्शन में बन रही थी। ऐसे ही सफ़लता की सीढ़ी चढ़ते गए। जैकी जी का मानना मंजिले उसी को मिलती है, जिसके सपनों में जान होती है।
पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। www.newsbox.co.in 9619704259
संघर्ष से सफलता की ओर जयकृष्णा मंडल (जैकी)