फिल्ममेकर अनुराग कश्यप की नई फिल्म ‘मंकी इन अ केज’ भारतीय जेल प्रणाली और #MeToo मूवमेंट के बीच के पेचीदा कनेक्शन पर रोशनी डालती है। इस फिल्म का नाम हिंदी में बंदर रखा गया है, जिसका टोरंटो इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल (TIFF) में प्रीमियर होने के साथ इसका ग्लोबल डेब्यू हुआ है।
फिल्म ‘मंकी इन अ केज’ अपनी कहानी के जरिए एक ऐसे सुपरस्टार के बारे में बताती है, जिस पर रेप का आरोप लगा है। ये फिल्म सिस्टम में मौजूद अन्याय, कोर्टरूम में दबा दी गई आवाज़ों और गहरे तौर पर खामियों से भरे लीगल सिस्टम की सच्चाई पर रोशनी डालती है।
अनुराग कश्यप ने फिल्म के बारे में बात करते हुए कहा, “इस फिल्म का आइडिया एक सच्ची घटना से आया है, लेकिन हमें बहुत मुश्किल हालातों में काम करना पड़ा। आपको यह नहीं पता कि कौन सही है और कौन गलत।”
उन्होंने आगे बताया कि कहानी में संतुलन बनाना कितना मुश्किल था और असल जीवन के मुश्किल भरे उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा, “नए कानूनों का बड़े पैमाने पर गलत इस्तेमाल हो रहा था, ऐसे मामले भी थे जहाँ एक महिला ने एक वकील और एक पुलिसवाले की मदद से आठ अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में आठ अलग-अलग मामले दर्ज करवाए।”
इस प्रोजेक्ट ने तब आकर लेना शुरू किया जब प्रोड्यूसर निखिल द्विवेदी ने अनुराग कश्यप को एक असली केस पर आधारित एक अखबार का आर्टिकल दिया। द्विवेदी के लिए, यह फिल्म मार्केट के हिसाब से नहीं थी।
ऐसे में इस बारे में उन्होंने समझाते हुए कहा, “एक फ़िल्ममेकर के तौर पर, मुझे अलग-अलग कहानियाँ पसंद हैं। इस मुद्दे ने मुझे अपनी तरफ खींचा। यह कोई पसंद नहीं थी बल्कि यह बेहद ज़रूरी बात थी।”
अनुराग कश्यप ने याद करते हुए बताया कि एक खास कहानी उनके दिमाग में सालों तक रही। उन्होंने बताया, “एक मामले ने मुझे सच में बहुत परेशान किया है। दरअसल, एक आदमी 32 साल बाद जेल से बाहर निकला, जिसे बेगुनाह घोषित किया गया। लेकिन उसका केस तो कभी सामने आया ही नहीं। इस तरह से तो उसकी पूरी जिंदगी बर्बाद हो गई।”
डायरेक्टर ने आगे कहा, “एक जेल में लोग कई तरह की भाषाएँ बोलते हैं, हमारे एक्टर्स कन्नड़, मलयालम, बंगाली और मराठी भाषाएँ बोलते थे। इस तरह से जेल खुद ही एक बंटे हुए, गलत समझे गए देश का प्रतीक बन जाती है।”
फिल्म ‘मंकी इन अ केज’ के जरिए, अनुराग कश्यप यह दिखाना चाहते हैं कि वह किसी पर कोई राय नहीं दे रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, “यह फिल्म किसी को बेगुनाह या गलत साबित करने के लिए नहीं है।” उन्होंने आगे कहा, “यह उन कमियों के बारे में है जो हमारी कानूनी प्रणाली में हैं, कोर्ट में लोगों की चुप्पी के बारे में है, और उन लोगों के बारे में है जो इसके अंदर गायब हो जाते हैं।”
’गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘ब्लैक फ्राइडे’ और ‘अगली’ जैसी शानदार फ़िल्में बनाने वाले जाने-माने डायरेक्टर अनुराग कश्यप इस नई फ़िल्म में अपनी अलग तरह की कहानी कहने की कला का इस्तेमाल कर रहे हैं। एक्टर बॉबी देओल, जो इस समय अपने करियर की नई ऊँचाइयों पर हैं, फ़िल्म में मुख्य किरदार में हैं। उनके साथ शानदार एक्ट्रेस सान्या मल्होत्रा, सबा आज़ाद और सपना पब्बी भी मुख्य भूमिका में हैं।
प्रोड्यूसर निखिल द्विवेदी ने ‘वीरे दी वेडिंग’ (2018) और ‘CTRL’ (2024) जैसी हिट फ़िल्में दी हैं और वह अलग-अलग कहानियों को सपोर्ट करते रहते हैं। वो श्रद्धा कपूर स्टारर आने वाली फैंटेसी ड्रामा ‘नागिन’ को भी प्रोड्यूस कर रहे हैं। वहीं, ‘बंदर’ की रिलीज डेट की बात करें तो वो अभी अनाउंस होनी बाकी है।
अनुराग कश्यप की ‘मंकी इन अ केज’ का टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में हुआ प्रीमियर, फिल्ममेकर बोले- “कहानी सच्ची घटना से है प्रेरित”


